क्या करूँ क्या ना करूँ JASPAL SINGH
क्या करूँ क्या ना करूँ
JASPAL SINGHक्या करूँ क्या ना करूँ सब ये अभी छोड़ दिया,
फैसला तू जो करे तुझ पे सभी छोड़ दिया।
ज़िन्दगी ने जो दिया वो थी उसी की मर्जी,
और जो छीन लिया वो भी उसी की मर्जी,
क्या गँवाया क्या है पाया ये अभी छोड़ दिया,
फैसला तू जो करे तुझ पे सभी छोड़ दिया।
दो कदम भी ना चले और ना पहचान हुई,
इससे पहले कि मुझे जाने तू अंजान हुई,
कभी जानोगे या नहीं यार अभी छोड़ दिया,
फैसला तू जो करे तुझ पे सभी छोड़ दिया।
अब कभी बात भी होगी ये कहाँ लगता है,
अब तो हर एक गुनाह अपना गुनाह लगता है,
बे-गुनाह हूँ या गुनहगार अभी छोड़ दिया,
फैसला तू जो करे तुझ पे सभी छोड़ दिया।