ये मौसम कैसे बदल गया Amrita Pandey
ये मौसम कैसे बदल गया
Amrita Pandeyजब बून्दें बारिश की आईं, पागल मन फिर से मचल गया,
ये मौसम कैसे बदल गया, ये मौसम केैसे बदल गया।
तू रहता हरदम बाहों में,
तेरी मंज़िल मेरी राहों में,
दुनिया बेगानी सी थी,
मैं ही थी तेरी आहोंं में,
हाथों से रेत की तरह, ये वक्त कैसे फिसल गया,
ये मौसम कैसे बदल गया, ये मौसम कैसे बदल गया।
कैसे सब कुछ मैं वही करूँ,
कैसे बिगड़े को सही करूँँ,
कैसे नित-नित आसूँ पीकर,
हँसती-खिलती मैंं रही करूँ,
क्यों आते-आते पास मेरे, तू ठहर गया, तू संभल गया,
ये मौसम कैसे बदल गया, ये मौसम कैसे बदल गया।
जा रूठा है तो रूठा रह,
तू टूटा है तो टूूटा रह,
पर जब भी दिल तेरा तड़पे,
आ पास मेरे ना सूखा रह,
मैं तेरी थी, तेरी ही हूँ, तू ही गैरों में उलझ गया,
ये मौसम कैसे बदल गया, ये मौसम कैसे बदल गया।