रूग्णालय  RAHUL Chaudhary

रूग्णालय

RAHUL Chaudhary

मंदिर जाके श्रद्धा देखी,
मस्जिद जा के झुकना देखा,
गिरिजाघर की शांति देखी,
गुरुद्वारे की सेवा देखा।
 

सब कुछ कहते हैं कुछ,
ऐसी जुड़े दिल के तार,
ऊर्जा अदृश्य हो शक्ति,
की अपार अथाह सागर।
 

अनगिनत सी फरियादें निस दिन,
करुणा कृपा के कोटि हकदार,
फिरते मरे कड़ी धूप फुहार में,
भूख के रोग की मार से छत बिन।
 

नंगी है आबरू कहीं सड़कों पर,
छटपटाती दम कंकड़ के बिस्तर पर,
बेरहम से पांव कितने गए हाय गुज़र,
रक्त में सनकर टूटती सांस थमकर।
 

बेबुनियाद खोखली समाज सेवा,
भीड़ में छवि की छवि उतारकर,
दीवार को फ्रेम से साजने को केवल,
क्या इकट्ठा लोग गरीब के नसीब पर।
 

रोग से ग्रसित असहाय कोई,
नालियों के किनारे लेता अब,
वो रुख कैसे करे इलाज को,
लूटने को तत्पर हर दुकान जब।
 

खून के व्यवसाय में लिपटे अगर,
खूबसूरती मिटती फटे चीथडो से,
अस्पतालों की दीवार और फर्श,
चमक धूमिल पाँव के दरारों से।
 

मंडियाँ तो लाल हैं पीली हैं,
रंगीन हैं गोलियों की सजावटों से,
घुटती हुई दम बेजार दब रही दर्द में,
बेइलाज मंहगी इन्हीं बाजारों में।
 

लथपथ व्यथित तन मन से ग्रसित,
असहाय के भाग्य के मिटे लकीर,
दर्द तो एक है खून तो बहता वहीं,
पशु हो इंसान, राजा हो या फ़कीर।
 

रूग्णालय की नीति है एक
सबके दर्द पर मरहम लगाने,
व्यथा को दूर करे प्यार से
मन निर्मल चित्त निर्मल बने।
 

मन विकारों की आयु घटाने
रूह से स्वस्थ्य बनाना,
दुर्बल को ढाढस दिला के
जीने की एक राह दिखाना।
 

है ईश के छवि गर कर साकार
वो रूप धरा पर चिकित्सक का
सेवा और उपकार का ले इल्म से
प्रण हर तन को सिंचित उद्धार का।

अपने विचार साझा करें




0
ने पसंद किया
1255
बार देखा गया

पसंद करें

  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com