तू है मेरी, मैं हूँ तेरा VIKAS UPAMANYU
तू है मेरी, मैं हूँ तेरा
VIKAS UPAMANYUतू गजल है मेरी, मैं गीत हूँ तेरा,
तू सांझ है मेरी, मैं सवेरा हूँ तेरा।
तू आग है मेरी, मैं नीर हूँ तेरा,
तू नदी है मेरी, मैं किनारा हूँ तेरा।
तू कुमुदनी है मेरी, मैं भंवरा हूँ तेरा,
तू धरती है मेरी, मैं अम्बर हूँ तेरा।
तू झील है मेरी, मैं झरना हूँ तेरा,
तू उम्मीद है मेरी, मैं विश्वास हूँ तेरा।
तू रौशनी है मेरी, मैं चिराग हूँ तेरा,
तू मधु है मेरी, मैं बसंत हूँ तेरा,
तू है मेरी, मैं हूँ तेरा।