काश सफर लंबा होता Sanam Ami
काश सफर लंबा होता
Sanam Amiकाश हम मिले न होते,
काश आपको देखा न होता,
काश सनम ही अँधा होता,
काश सफर लंबा होता।
एक बार बता देते आप
तो शायद इतना गम न होता,
हमें छोड़ जाने का
आपका भी मन न होता,
काश सफर थोड़ा और लंबा होता।
एक इशारा कर देते तो
जी भर के बात कर लेते,
एक बार बोल देते तो
मन भर कर साथ रह लेते,
बातों का सिलसिला उस वक़्त भी कम न होता,
काश सफर ज़रा सा लंबा होता।
आपका हमारा हाल पूछना
आपका हमारी बातें सुनना,
आपका हँस के बाय बोलना,
काश उस पल को वहीं थामना होता,
काश सफर थोड़ा सा लंबा होता।
आपका अपनी बातें बताना,
आपका वो अपने हाथ से खिलाना,
खुद धूप में बैठकर मुझे छाँव में बिठाना,
अनजाने में सही पर वो जरूरत में हाथ थामना,
काश आपसे बोलने का एक और लम्हा होता,
काश सफर ज़रा और लंबा होता।