यूँ मुसाफिर बन जा राही Arun Mishra
यूँ मुसाफिर बन जा राही
Arun Mishraयूँ मुसाफिर बन जा राही
है नहीं मुश्किल डगर!!
कर्म पथ पर रह अडिग
यूँ न है मुशकिल सफर,
चाँद भी रोशन हुआ है
सूर्य की अप्रतिम किरण से।
तू न हो डवडोल जग में
वेदों का तू ध्यान कर,
नभ, अनल, पंछी, सलिल
सब तुम्हारे मित्र हैं।
सीख इनसे अद्भुत कला
मोह माया त्याग कर,
सौदा कर तू नींद से
रातों को तू भोर कर।
जज़्बातों के बौने से बंधन
तुझको यूँ जकड़ें नहीं,
ध्यान मुद्रा मे यूँ जाकर
उनसे तू अवकाश ले।
राह तेरी निश्चित मिलेगी
एक अन्तिम प्रयास कर,
यूँ मुसाफिर बन जा राही
है नहीं मुश्किल डगर!!