संबंध नहीं है मेरा Arun Mishra
संबंध नहीं है मेरा
Arun Mishraसंबंध नहीं है मेरा
तेरे इश्क़ के पैमानों से,
अचरज होगा तुमको
मेरे शब्दों में अड़ जाने से।
व्यक्तित्व नही हूँ ऐसा
घुट-घुट कर मर जाऊँगा,
तेरे हर प्रश्न के उत्तर में
अद्भुत कटाक्ष कर जाऊँगा।
तू नयन नक्श में अतिरिक्त अभिन्न
मैं वाणी से परिपूर्ण हूँ,
तू नयल नवोदित कोपल सी
मै सार्वभौमिक उत्तीर्ण हूँ।
तुम औपचारिकता की पूँजी हो़
मैं नीरस मन का ध्यायी हूँ,
गर संभव नहीं कुछ तेरे बिन
मैं असंभव का पर्यायी हूँ।
गर कम लगूँ तुझे मैं शब्दों मे
हमसे यूँही बतला देना,
अपयश भरा जो सीने में
हमको आकर समझा देना।
अतिरिक्त नहीं बस इतना सा
मुखरित यूँही कर जाऊँगा,
संदर्भ अभिन्न उदाहरण से
हर दिल मे घर कर जाऊँगा!