चलो दिलों में प्यार जगाएँ होली में शशांक दुबे
चलो दिलों में प्यार जगाएँ होली में
शशांक दुबेहम-तुम दोनों एक हो जाएँ होली में,
चलो दिलों में प्यार जगाएँ होली में।
बासंती उन्माद भरा है, देखो कलियन-कलियन में,
प्रेम रंग कैसा बिखरा है, देखो गलियन-गलियन में।
इन भावों को क्यों न भरें हम, बोलो अपनी झोली में,
चलो दिलों में प्यार जगाएँ होली में।
अमुआ डाली पे बैठ वो, मीठी तान सुनाती है,
है तो कोयल काली लेकिन, मन को बहुत रिझाती है।
शब्द मधुर हम भरते जाएँ, क्यों न अपनी बोली में,
चलो दिलों में प्यार जगाएँ होली में।
नीला हरा लाल और पीला हो गए गाल गुलाबी हैं,
नशा चढ़ा रंगों का ऐसा हो गई चाल शराबी है,
रंग सभी हम भरते जाएँ जीवन की रांगोली में,
चलो दिलों में प्यार जगाएँ होली में,
तन-मन दोनों खूब भिगाएँ होली में।
द्वेष राग न मन में लाएँ होली में,
संबंधों को दिल से निभाएँ होली में,
दुश्मन को भी गले लगाएँ होली में,
टूटे रिश्ते फिर से बनाएँ होली में,
जीवन कटता जाए हँसी ठिठोली में,
हम-तुम दोनों एक हो जाएँ होली में।