ज़िन्दगी क्यों हम जिए जा रहे हैं Rahul Verma
ज़िन्दगी क्यों हम जिए जा रहे हैं
Rahul Vermaहमे न होश है न खबर है हम क्या किए जा रहे हैं,
मुझे पता नहीं कि ये ज़िन्दगी हम क्यों जिए जा रहे हैं।
जो लोग मोहब्बत के लायक नहीं है उनसे भी मोहब्बत किए जा रहे हैं,
पता नहीं कि ये ज़िन्दगी हम क्यों जिए जा रहे हैं।
हर पल हम उन्हीं की यादों को समेट कर रोए जा रहे हैं,
पता नहीं कि ये ज़िन्दगी हम क्यों जिए जा रहे हैं।
उसके बिना इतने बड़े शहर में हम खुद को अकेले पा रहे हैं,
पता नहीं कि ये ज़िन्दगी हम क्यों जिए जा रहे हैं।
मुझे पता है कि तुम वापस नहीं आओगी फिर भी,
पता नहीं कि ये ज़िन्दगी हम क्यों जिए जा रहे हैं।