तेरा अंश हूँ SANTOSH GUPTA
तेरा अंश हूँ
SANTOSH GUPTAतेरा अंश हूँ तुझसे ही दुनिया मे आया हूँ,
आँचल में तेरे मैं जग का सुख पाया हूँ।
जब-जब रोया, तूने हँसाया है
तेरे संग मैंने ईश्वर को भुलाया है।
तुझसे सीखा आत्मविश्वास हूँ,
तू मनोबल बढ़ाती जब-जब होता निराश हूँ।
जीवन से पहले मेरे रगों में रक्त तूने बहाया है,
जीवन दिया, जीवन का रुप भी तूने ही सजाया है।
कुछ कहे बिना सब समझ लेती है, तु अंतर्यामी है,
मुझसे ज्यादा मुझे जानती है, तू इतनी ज्ञानी है।
तेरी उंगली के स्पर्श में ब्रह्मांड का अहसास है,
तुझसे माँगा तो चांद भी पास है।
मेरे रोने से पहले, तूने आँचल भिगाया है,
ईश्वर ने खुद को तेरे रुप में दिखाया है,
समझा नहीं तेरा अद्भुत प्यार, बस उसे पाया है।