पिता NIKITA SINGH
पिता
NIKITA SINGHमाँ के ऊपर कितनों ने कविता लिखी है,
लेकिन आज पिता के बारे में कुछ लिखते हैं।
जो अपने लिए नहीं अपने बच्चों के लिए कमाता है,
आज उस शख्स के बारे में कुछ लिखते हैं।
जिसके होने से सब मिल जाता है,
अगर वो न हो तो दुनिया का हर एक बच्चा गरीब बन जाता है।
जिसकी जेब में अगर एक ही रुपया भी क्यों न हो,
वो उसको भी अपने बच्चों के नाम कर देता है।
अपनी ज़िन्दगी की सारी कमाई क्या,
वो तो अपना नाम तक अपने बच्चों के नाम कर जाता है।
खुद चाहे हो कितना भी गरीब,
फिर भी अपने बच्चों को अमीरों की तरह जो पाल जाता है।
एक पिता ही है इस दुनिया में यारो,
जो अपना सब कुछ अपने बच्चों के नाम कर जाता है।
माना कि वो अपने जज़्बात दिखाते नहीं हों कितने भी परेशान,
फिर भी अपने बच्चों को जताते नहीं।
जो उनकी हर ख्वाहिशों को पूरी करते हैं,
जितना हो सके उसे ज्यादा ही अपने बच्चों को अदा करते हैं।
एक पिता ही है इस दुनिया में यारों,
जो अपना सब कुछ अपने बच्चों के नाम करता है।