ये है कौन? Shubham Kumar
ये है कौन?
Shubham Kumarये है कौन जिसने
मेरे 'आज-कल' को, 'अभी' कर दिया है?
ये है कौन जिसने
इन 'अधूरों' को मेरे, 'पूरा' कर दिया है?
ये है कौन जिसने
मेरे 'रास्तों' को, 'दिशा' दे दी है?
ये है कौन जिसने
'खामोशी' को मेरी, 'जुबां' दे दी है?
ये है कौन जिसने
मेरे सारे 'पापों' को, 'पुण्य' कर दिया है?
ये है कौन जिसने
'पीड़ाओं' को मेरी, 'शून्य' कर दिया है?
ये है कौन जिसने
मेरी हर 'दुआ' को, 'दवा' कर दिया है?
ये है कौन जिसने
इस 'खाली से दिल' को, 'भरा' कर दिया है?
ये है कौन जिसने
इन 'सुबहों' को मेरी, 'हरा' कर दिया है?
ये है कौन जिसने
'शामों' पे मेरी, 'पहरा' कर दिया है?
ये है कौन जिसने
मुझी को 'मुझी' से, 'बड़ा' कर दिया है?
वो 'व्योम' भी वो 'ॐ' भी, वो 'रहीम' और वो 'राम' है,
सृष्टि का वो विस्तार भी, वो हर 'सुबह' और 'शाम' है।