सियासत  Brijesh bairwa

सियासत

Brijesh bairwa

हकीकत से रूबरू हो, मैंने ये कहा,
सियासत की रंजोफिराक में,
रे इंसान! तु इंसान नहीं रहा।
 

बेगुनाह है बिछा कर लाशें,
पानी से सस्ता खून-ए-इन्सान हो गया,
तड़प गई साँसें दहशत में,
भाई-भाई का आसान समशान हो गया।
रक्त रंजित राजनीति की उन्नति तू बुन रहा......
 

जंजीरों में मासूम खड़ा है,
कटघरे में अबला का सम्मान खो गया,
वोटों की गंदी राजनीति में,
इंसान की मौत का जिम्मेदार इंसान हो गया।
जंजीरों के मातम से अब शोर गूँज रहा......
 

खदक कर बर्बाद हो गई इंसानियत,
जमीर फुटपाथ पर सो गया,
सियासत की मेली फिरकी में,
भाईचारा भी बेबस हो गया।
त्रास नहीं तुझको तनिक, कैसा रास्ता चुन रहा......
 

भाई को भाई मारकर,
अब धर्म निभाने आयेगा,
हुनरमंद है साहब वक़्त पर,
तमाशा दिखाने आयेगा।
निर्मम कत्लों की सीढ़ी पर, तु सुकून तलाश रहा.....
 

मस्जिदों में काला बुर्का,
मंदिरों में भगवा पहना,
छोड़ सारी मजहबी बातें,
फिजूल तेरा हिंदूमुस्लमां कहना।
बेबस खाली बातों को, खड़े-खड़े क्यूँ देख रहा....
 

रात काली है अटी,
ठंडी हवाएँ चल रही है,
भ्रष्टाचार की शैय्या पर ग़रीबी मचल रही है।
ऐसे घीनोने कामों को, क्यूँ बड़ावा दे रहा......
 

सुलग रही है आग धुआँ नज़र आ रहा,
खोखला हो गया भारत,
कहराकार आहें भर रहा।
दीवारों पर तस्वीर परिंदों की, 'गुलाल' क्यूँ बना रहा.....

अपने विचार साझा करें




1
ने पसंद किया
1904
बार देखा गया

पसंद करें

  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com