झोला का योगदान SHIV VIBHUTI NARAYAN
झोला का योगदान
SHIV VIBHUTI NARAYANझोला है यह जीवन में
योगदान बड़ा इसका,
जन्म लेने से पहले प्रभु ने
दिया एक अदृश्य झोला।
जन्म लेने के बाद बचपन में
मिला एक झोला,
जिसमें किताब रख जाते
हम पाठशाला।
नौकरी लगने के बाद फिर
मिला एक झोला,
जिसमें कागज रख हम
जाते कार्यशाला।
शादी के बाद जवानी में
मिला एक झोला,
जिसमें सामान लाने पर भी
खाली रहता झोला।
अंत में आया बुढ़ापा और
मिला एक झोला,
जिसमें रख दवा से
पलपल कटे बुढ़ापा।
मरने के बाद मिलता वह
अदृश्य झोला,
उसे साथ ले जाते जो अब
पाप पुण्य से है भरा।
कौन कहता है कि जीवन में
योगदान नहीं झोले का,
झोला है यह जीवन में योगदान
बड़ा इसका।