आरज़ू JASPAL SINGH
आरज़ू
JASPAL SINGHहर घड़ी दर्द-ए-दिल को जिसकी आरज़ू है,
एक तेरी आरज़ू है और एक तू है।
जो मेरे रूह-ओ-दिल के सबसे रबरू है,
एक मेरा खुदा है और एक तू है।
राह जिसकी वक्त हर वक्त देखता है मेरा,
एक तेरा रास्ता है और एक तू है।
सबसे अनमोल और अजीज-ए-दो-जहाँ मुझको,
एक मेरी ज़िन्दगी है और एक तू है।
जिसके बिन साँस का चलना अम्र-ए-नामुमकिन है,
एक आव-ओ-हवा है और एक तू है।
मेरा बस चाह कर भी जिसपे चल नहीं पाता,
एक मेरी बेबसी है और एक तू है।
ज़िन्दगी देती है और जीने भी नहीं देती,
एक तेरी लम्स-ए-याद और एक तू है।
जिसपे कुरबान दिल-ओ-जान दो-जहाँ मेरे,
एक तेरी खुशी है और एक तू है।
अब तो बस तुम पे खत्म तुमसे ही शुरू है,
एक तेरी दोस्ती है और एक तू है।