इम्तिहान लेती ज़िन्दगी SANTOSH GUPTA
इम्तिहान लेती ज़िन्दगी
SANTOSH GUPTAसामना मुश्किलों का
माना ज़िन्दगी का अभिप्राय है,
सीखना हार से
एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
पर इस अध्याय का
कितना लम्बा हो सत्र,
ज़िन्दगी से क्या लें हम
बस अनुभवों के प्रमाण पत्र।
अंकुरित हो जो धरा से
कोई तो ऐसा बीज हो,
हमको तो उम्मीद है
पर उम्मीद को भी तो उम्मीद हो।
आशा की किरणें देखकर
अँधेरे में रह लिया,
होंगे रौशन जमाने अपने भी
दिल को हरदम कह लिया।
धैर्य और धीरज का
इम्तिहान ज़िन्दगी लेती गई,
नतीजों के इंतज़ार की
परीक्षाएँ भी होती गई।