यूँ ही बीत जाएगा ये जीवन Anita M. Gupta
यूँ ही बीत जाएगा ये जीवन
Anita M. Guptaयूँ ही होगी सुबह रे
यूँ ही बीतेगी शाम रे,
यूँ ही बीत जाएगा ये जीवन
जो करना है तू कर ले रे!
मत ताक किसी खास वक़्त को तू
अच्छा वक़्त अभी है रे,
पल में ही उड़ जाते हैं बरस
इस पल में जो करना है तू कर ले रे!
किसी के अंधियारे जीवन में
मुस्कान की जोत तू जला दे रे,
किसी प्यासे को पानी पिला दे
और किसी भूखे को दो रोटी खिला दे रे !
दुनिया में कितने दुःख दर्द हैं
जिसका कोई अंत नहीं है रे,
तू अगर किसी के दो आँसू पोछ ले
बूँद-बूँद से ही तो तालाब भरता रे !
इस चमकती दुनिया में
बहुत लोगों के घर है अंधियारा,
किसी अंजान बच्चे को अगर तू शिक्षा दे दे
वो घर हमेशा ही तो जगमगाएगा रे !
किसी अंधे का तू सहारा बन रे
किसी बहरे के तू कान रे,
किसी बूढ़े बाबा की लाठी तू पकड़ ले रे
इससे बड़ा नहीं है कोई धाम रे !
यूँ ही होगी सुबह रे
यूँ ही बीतेगी शाम रे,
यूँ ही बीत जाएगा ये जीवन
जो करना है तू कर ले रे !