पथिक AMITOSH AMITOSH
पथिक
AMITOSH AMITOSHसहता रहा सहता रहा
ना सोचता मंजिल
किधर
तूफान आया
बिजली कड़की
भूकम्प में
धरती डोली
निश्कम्प पथिक
राह अपनी
चलता रहा चलता रहा
नदिया का पानी बन
बहाव संग
बहता रहा बहता रहा
कुछ टापू रह जाएँगे
नदिया में
बनकर याद
मील पत्थर
रह जाएँगे
जीवनयात्रा पदचिन्ह
जानकर मंज़िल
पथिक
चलता रहा बहता रहा ! !