मैं शायर बन गया Sukhbir Singh Alagh
मैं शायर बन गया
Sukhbir Singh Alaghतेरा इन्तजार करते करते,
मैं शायर बन गया।
तेरा मुझसे मिलना,
मिलके यूँ बिछुड़ना,
सच बताऊँ मैं,
मुझको ये घायल कर गया।
तेरा इन्तजार करते करते,
मैं शायर बन गया।
जब भी तुम मुझको, याद आती हो,
ये दर्द, कलम द्वारा उतर जाता है।
आँखों से आँसू निकलना,
तुम्हारी यादों में पल-पल मरना,
अब कब मुलाकात होगी,
ये दिल कहता है।
गुजर रहे हैं ये दिन भी जैसे,
मैं सूली चढ़ गया,
तेरा इन्तजार करते करते,
मैं शायर बन गया।