हिंदी से नाता जोड़ो B Seshadri "Anand"
हिंदी से नाता जोड़ो
B Seshadri "Anand"हिंदी से नाता जोड़ो, हिंदी से नाता जोड़ो,
आजाद हुए अंग्रेज़ों से अब अंग्रेजी भी छोड़ो।
हिंदी अपने मातृभाषा लुप्त न कहीं को पाए,
अंग्रेजी से दब अपना अस्तित्व ही न खोने पाए,
किसी पुस्तकालय के कोने में न सोने पाए,
किसी पुस्तक के पन्नो में सिमित कर कहीं रोने पाए,
सरकारी औपचारिकता का भार न ढोने पाए,
और कहीं वर्षा की बूंदे हिंदी के वर्णों को न धोने पाए,
राह भटकती इस धारा का मुख वापस अब मोड़ो,
हिंदी से नाता जोड़ो, हिंदी से नाता जोड़ो।
इसमें एक बसा है तुलसी और रसखान है हिंदी,
देवों की वाणी से उपजी वेद पुराण है हिंदी,
सुबह-सुबह मंदिर से आती लय सुर तान है हिंदी,
यही कबीर के दोहे और मीरा का गान है हिंदी,
जाती पाती के भेदभाव से भी अनजान है हिंदी,
भारत देश के गौरव की अग्रिम पहचान है हिंदी,
आस लगाए तुम्हें निहारे उसका दिल मत तोड़ो,
हिंदी से नाता जोड़ो, हिंदी से नाता जोड़ो।