नव वर्ष का नव विहान  ABHISHEK KUMAR GUPTA

नव वर्ष का नव विहान

ABHISHEK KUMAR GUPTA

नव सुर लय नव साज के साथ
मै गाता हूँ बस यही गान,
खुशियों की सौगातें लेकर
आए नव वर्ष का नव विहान।
 

जो दुख मिले वो हमने काटे
अब और ना कोई दुख आए,
ये शुभ मंगल हर्षित बेला
बस खुशियों के ही पल लाए।
 

मानव सेवा में हो तत्परता
ये बात रहे हम सबको ध्यान,
खुशियों की सौगातें लेकर
आए नव वर्ष का नव विहान।
 

हम जाति धर्म में बँट करके
आपस में ना कोई द्वेष करें,
नव वर्ष की इस नव बेला में
आओ मिलकर संकल्प करें।
 

राष्ट्रहित में हो जीवन अर्पण
हम करें सदा खुद पर अभिमान,
खुशियों की सौगातें लेकर
आए नव वर्ष का नव विहान।
 

नए भारत की तस्वीर नई
अब दुनिया को दिखलाना है,
धरती माँ के आँचल को फिर
अब हरियाली से सजाना है।
 

कोई और ना आपदा अब आए
प्रभु देना हमको ये वरदान,
खुशियों की सौगातें लेकर
आए नव वर्ष का नव विहान।
 

बिटिया जब भी घर से निकले
दिल में उनके कोई डर ना रहे,
जो दर्द सहे उसने अब तक
अब और ना ऐसे दर्द सहे।
 

दामन पर दाग ना लग पाए
उनके लिए हो दिल में सम्मान,
खुशियों की सौगातें लेकर
आए नव वर्ष का नव विहान।

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