विदाई - दर्द बिछड़ने का ABHISHEK KUMAR GUPTA
विदाई - दर्द बिछड़ने का
ABHISHEK KUMAR GUPTAजब संग किसी के रह करके
हम उनसे बिछड़ने लगते हैं,
तो क्यों आँसू के कुछ मोती
आँखों से बिखरने लगते हैं।
उन अजनबियों के साथ को भी
क्यों मन ये तड़पने लगता है,
किस रिश्ते के कारण ये दिल
फिर मिलने को तरसने लगता है।
ये मिलने बिछड़ने का लम्हा
क्यों जीवन में हर पल आता है,
जिस पर हम प्यार लुटाते हैं
उन्हें हमसे जुदा कर जाता है।
यही रीत है शायद इस दुनिया की
जहाँ हर पल ये क्षण आता है,
और इसी जुदाई के पल को
शायद ! दुनिया में विदाई कहा जाता है।