गाँधी जी VIKAS UPAMANYU
गाँधी जी
VIKAS UPAMANYUसुनो, गांधी जी कौन थे,
यह आज मैं तुमको बतलाता हूँ,
सत्य-अहिंसा के थे वो पुजारी,
देश के लिए आंदोलन करते थे।
सत्याग्रह जान थी उनकी
हिम्मत न कभी उन्होंने हारी थी,
हाथ में लाठी और आँखों पर चश्मा,
जो खास पहचान उनकी अलंकारी थी।
ईमान का पाठ पढ़ा कर सबको
सत्य की राह दिखाते थे,
अहिंसा के बन पुजारी,
प्यारे सबके “बापू” कहलाते थे।
सोच से जिसने बदला देश का हाल,
तरकश से निकाले अहिंसक तीर-कमान,
कर्म को बताया जिसने हमेशा प्रधान,
ऐसे थे “राष्ट्रपिता” बापू मेरे महान।
सीधा-साधा भेष था उनका
न था उनको कोई अभिमान,
खादी की धोती पहनते हमेशा
हर नागरिक करता था उनका सम्मान।