प्रकृति और वृक्षारोपण VIPIN KUMAR TYAGI
प्रकृति और वृक्षारोपण
VIPIN KUMAR TYAGIवृक्षों को है लगाना, प्रकृति को है बचाना,
वातावरण में यदि सांस है लेना,
ऑक्सीजन का प्रतिशत है बढ़ाना,
जहरीली गैसों के प्रतिशत को कम है करना,
ज्यादा से ज्यादा पेड़ों को है लगाना,
वृक्षारोपण के शुभ कार्य को सभी को है करना,
प्रदूषण को कम है करना।
वृक्षों को है लगाना, प्रकृति को है बचाना,
एक वृक्ष को लगाना,
सौ पुत्रों के समान है सेवा करना,
वृक्ष लगाने के पुण्य कार्य को सभी को है करना,
उनकी देखभाल भी है करना,
वृक्ष का कार्य छाया, फल व शीतल हवा को प्रदान करना,
भूखे लोगों को भोजन प्रदान करना,
वृक्ष देता है हमें लकड़ी तथा छाया, बनता है वर्षा का कारण।
वृक्षों को है लगाना, प्रकृति को है बचाना,
पेड़ों का कटना है रोकना, प्रदूषण को कम है करना,
कार्बनडाइऑक्साइड को कम है करना, वृक्षों को है लगाना,
ग्रीन हाउस प्रभाव को कम है करना,
ग्लेशियरों का पिघलना है रोकना,
मानव को यदि पृथ्वी पर जीवन है बचाना,
वृक्षों को कटने से है रोकना,
वृक्षों को है लगाना, प्रकृति को है बचाना।