पृथ्वी पर जीवन को बचाना है VIPIN KUMAR TYAGI
पृथ्वी पर जीवन को बचाना है
VIPIN KUMAR TYAGIपूरे ब्रह्मांड में कहीं जीवन नहीं,
ईश्वर की कृपा से पृथ्वी पर जीवन पाया,
जल, वायु, पर्यावरण, प्रकृति, नदी, नाले
व प्राकृतिक संसाधन पृथ्वी पर मौजूद,
इन्हीं संसाधनों के कारण पृथ्वी पर जीवन पाया।
मानव ने जल का अन्धाधुन्ध दोहन किया,
प्रदूषित कर जल पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया,
वाहनों को अंधाधुन्ध प्रयोग कर विषैली गैसों का उत्सर्जन किया,
पर्यावरण को भी प्रदूषित कर दिया।
विकास के नाम पर वृक्षों को अंधाधुंध कटान कर दिया,
कार्बन डाइऑक्साइड का भी वातावरण में प्रतिशत बढ़ा दिया,
प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन कर दिया,
मानव के भविष्य पर ही प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया।
प्रदूषण को बढ़ाकर, पॉलीथिन का प्रयोग कर,
इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर आदि सामान बनाकर,
अब इनके निपटान पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया,
समुद्र तक को प्रदूषित कर दिया।
प्रदूषण व एसी के प्रयोग से ग्लोबल वार्मिंग के कारण
वातावरण का औसत तापमान बढ़ा दिया,
ग्लेशियरों के अस्तित्व पर ही प्रश्न खड़ा कर दिया।
मानव ने प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन कर
उन्हें खत्म करने की साजिश कर,
भविष्य में पृथ्वी पर जीवन पर ही संकट खड़ा कर दिया,
पूरे ब्रह्मांड में जीवन नहीं, ईश्वर की कृपा से पृथ्वी पर जीवन पाया।