अब तो सुधर जाओ इंसान Shilpi Kumari
अब तो सुधर जाओ इंसान
Shilpi Kumariहमने कैसी दुनिया बना दी,
अपनी नासमझी के पर्दे से सजा दी।
हर तरफ लालच की है सिर्फ़ भूख,
जानवर को मार कर प्रकृति को हार कर,
कौन सा पूरा कर रहे हो अपना सुख?
क्रूरता की कर दी सारी हदें पार,
कल मारते थे इंसान, आज बेजुबान पर वार,
खुद तुम देख रहे हो, आगे भी देखोगे इसका परिणाम,
अगर अपनी जालिम हरकतों पर अब भी नहीं लगाई पूर्ण विराम।
हमने कैसी दुनिया बना दी,
चारो तरफ़ दुख, नफ़रत और अपनी बेवकूफ़ियों से सजा दी,
जानवर तो थे हमारे साथी,
पर हम इंसान बन गए स्वार्थी।