अब तो सुधर जाओ इंसान  Shilpi Kumari

अब तो सुधर जाओ इंसान

Shilpi Kumari

हमने कैसी दुनिया बना दी,
अपनी नासमझी के पर्दे से सजा दी।
 

हर तरफ लालच की है सिर्फ़ भूख​,
जानवर को मार कर प्रकृति को हार कर​,
कौन सा पूरा कर रहे हो अपना सुख​?
 

क्रूरता की कर दी सारी हदें पार​,
कल मारते थे इंसान, आज बेजुबान पर वार​,
खुद तुम देख रहे हो, आगे भी देखोगे इसका परिणाम​,
अगर अपनी जालिम हरकतों पर अब भी नहीं लगाई पूर्ण विराम।
 

हमने कैसी दुनिया बना दी,
चारो तरफ़ दुख​, नफ़रत और अपनी बेवकूफ़ियों से सजा दी,
जानवर तो थे हमारे साथी,
पर हम इंसान बन गए स्वार्थी।

अपने विचार साझा करें




3
ने पसंद किया
968
बार देखा गया

पसंद करें

  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com