छोड़ो ये नशा छोड़ो  ABHISHEK KUMAR GUPTA

छोड़ो ये नशा छोड़ो

ABHISHEK KUMAR GUPTA

भारत के नवयुवक जब लुट जाएँगे,
मदिरा की धार में जब वो बह जाएँगे,
अपनी ही गलती पर तब हम रोएँगे,
छोड़ो ये नशा छोड़ो, त्यागो ये नशा त्यागो।
भारत के नवयुवक...........
 

कैंसर, टी0बी0 और दमा हमको डसते हैं,
बीड़ी, तम्बाकू, नशा हम पर हँसते हैं,
सिगरेट के छल्ले उड़ा कर चलते हैं,
गांजा और भांग, चरस फंदे कसते हैं।
मौत के धुएँ से है ये धुन्ध कैसा छाया,
छोड़ो ये नशा छोड़ो....
 

बीयर के आगे दुनिया को भूले हैं,
छोटी उमर में ही मौत पर झूले हैं,
कोरेक्स, आयोडेक्स खाकर जीते हैं,
इंजेक्शन के डोज हँस के लेते हैं।
दुनिया के फैशन ने इनको बिगाड़ा,
छोड़ो ये नशा छोड़ो....
 

सरकार मूक होकर सब देखती है,
वो तो बस अपनी तिजोरी भरती है,
इन धंधो को बंद करती नहीं है,
वो तो बस घाटे के नाम से डरती है।
ऐसी सरकार को हम क्या कह बुलाएँ,
छोड़ो ये नशा छोड़ो....
 

सुनते हैं जो मुझे मैं सबसे कहता हूँ,
हाथ जोड़ सबसे ये विनती करता हूँ,
छोड़ दो, नशे ने लाखों घरों को उजाड़ा,
दुनिया के लोगों को इसने बिगाड़ा।
इन बातों पर ध्यान देना जरूरी,
छोड़ो ये नशा छोड़ो....

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