आपका शुक्रिया Ravi Panwar
आपका शुक्रिया
Ravi Panwarदिखता तो नहीं, न साकार रहता है,
रंगमंच पर मौजूद एक किरदार रहता है।
मात-पिता, बंधु-सखा, जो भी कहो,
बन कर तेरा हमसफर वो हर बार रहता है।
जात मजहब देखकर फर्क वो करता नहीं,
उसको तो सभी से बहुत ही प्यार रहता है।
हो जाए भल रूसवा ये जहाँ तुमसे,
उसकी मोहब्बतों को तुम्हारा इंतजार रहता है।
माफ करके जब उन्हें मुस्कुरा देते हो तुम,
नूर उसकी रोशनी का तुमसे सरोकार रहता है।
चेहरों पर लगे चेहरें, करूँ किस पर भरोसा मैं,
बस वही है जिस पर मुझे ऐतबार रहता है।
हम जहाँ पर भी रहें, हम पर हो उसकी नज़र,
और करने को मदद वो हरदम तैयार रहता है।
गुनाह मेरा देखकर भी बेग़ुनाह कहता मुझे,
हर लम्हा साथ मेरे, मेरा यार रहता है।
हो कशिश उस दोस्त से तुझको मिलने की अगर,
वक़्त-बेवक्त भी वो मिलने को बेकरार रहता है।
लगन में मगन, ये चंचल चितवन
छाया में उसकी सदा गुलनार रहता है।
ओट कर अश्क आँखों के, मोती बना दिया,
उसकी रहमतों का मुझको शुक्रगुजार रहता है।
कश्ती में बैठा रह "रवि", और सफर का ले मजा,
फिर देख कैसे, कशमकश में, ये मंझधार रहता है।