सोमरस  Sanchit Sharma

सोमरस

Sanchit Sharma

हसीन चेहरे से तुम्हारे मोहब्बत तो पहली नज़र में हो गई थी,
उसी रात से मेरी नींद कहीं खो गयी थी।
 

हालातों से समझ चुके हैं कि इश्क़ तो एक मर्ज़ है,
लेकिन अब कोई हसीन इतना हो तो
उसकी खिदमत ऐसे करो जैसे तुम्हारे ऊपर कर्ज़ है।
 

मखमल सी कोमल ज़ुल्फें तुम्हारी,
सोमरस सी नशीली आँखें हैं,
तुमसे किया तो हमेशा उल्फत का वादा था,
लेकिन आज मेरी मोहब्बत तुम्हारे लिए सलाखें हैं।

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