ॐ साई राम Prabhat Pandey
ॐ साई राम
Prabhat Pandeyबाबा जी मैं जपूँ तेरा नाम,
साँई नाम की अलख जगा ले
भोली सी सूरत अपने मन में बिठा ले,
सच्चा प्यारे साँई नाम
बाबा जी जपूँ मैं तेरा नाम।
कृपा दृष्टि की तेरी माया
मन कोमल मृदु शीतल काया,
तेरी महिमा कोई जान न पाया
मुखमंडल पर आभा की छाया।
प्यार का जो अमृत बरसाया
सुमिरन कर लो साँई नाम
बाबा जी मैं जपूं तेरा नाम।
मन में अपने भाव जगा लो
जिस चाहे उस रूप में पा लो,
मिट जाता मन का अंधियारा
मन को मिलता शांत किनारा।
भटके मन का तू एक सहारा
चरणों में हैं चारों धाम,
बाबा जी मैं जपूँ तेरा नाम।
हाथ जोड़ कर करूँ प्रणाम
विनती करता सुबह शाम
हर बिगड़े बनते हैं काम,
शृद्धा सुमन तुम्हे अर्पण कर
मेरे दिल से निकले साँई राम
शिरडी मंदिर तेरा धाम
बाबा जी मैं जपूँ तेरा नाम।
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साँई बाबा ने अपनी ज़िन्दगी में समाज को दो अहम संदेश दिए हैं - 'सबका मालिक एक' और 'श्रद्धा और सबूरी'। साँई बाबा के इर्द-गिर्द के तमाम चमत्कारों से परे केवल उनके संदेशों पर ही गौर करें तो पाएँगे कि बाबा के कार्य और संदेश जनकल्याणकारी साबित हुए हैं। ऐसे गौरवमयी वयक्तित्व के स्वामी पर मैंने यह कविता लिखी है ....