ऐ चाँद कल क्या फिर मिलने आएगा?  Arun Mishra

ऐ चाँद कल क्या फिर मिलने आएगा?

Arun Mishra

पता था यादों का सिलसिला लंबा जाएगा,
आइने में सिर्फ तेरा ही चेहरा नज़र आएगा,
खुशबुएँ फैलेंगी फिज़ाओं में हर जगह,
चारों तरफ बस तेरा ही सुरूर छाएगा
ऐ चाँद कल क्या फिर मिलने आएगा?
 

सुनहरी धूप में जब तप रहा होगा मेरा सिर,
दुपट्टा तेरा सुनहरा बन उसे ढक जाएगा,
चारों तरफ महकेगी तेरी बालों की खुशबू,
आषाढ़ में भी सावन नज़र आएगा,
ऐ चाँद कल क्या फिर मिलने आएगा?
 

बारिश की बूंदों के सौंधेपन में
तेरे लबों का ही स्वाद आएगा,
जब सोऊँगा रातों में किसी कोने में,
हर सपना बस तेरा एहसास कराएगा,
ऐ चाँद कल क्या फिर मिलने आएगा?
 

बस एक ही दुआ है खुदा से,
तू जब भी मिलने आए,
तेरे साथ से हो रौशन मेरा संसार,
हर बचा लम्हा तेरे साथ ही गुजर जाए!!

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