एक आरज़ू ABHISHEK KUMAR GUPTA
एक आरज़ू
ABHISHEK KUMAR GUPTAआओ बैठो जरा बात मुझसे करो
दो घड़ी बस ठहर कर चले जाइए,
दुनिया की भीड़ में मैं हूँ तन्हा खड़ा
मेरे इक पल के साथी बस बन जाइए।
आपके आने सासें थम सी गई
आपके छूने से दिल सहम जाता है,
मेरी आँखों में आखें जरा डालकर
दो घड़ी बात मुझसे भी कर लीजिए।
उम्र ढ़ल सी गई है तो फिर क्या हुआ
प्यार दिल से कभी कम तो होगा नहीं,
मेरे दिल की शिकायत है तुमसे सनम
उस शिकायत को बस आप सुन लीजिए।
जाने क्या मोड़ ले ये मेरी जिन्दगी
मेरी साँसों का कोई ठिकाना नहीं,
प्यार करके मुझे ऐ मेरे हमसफर
चंद लम्हों की खुशियाँ तो दे दीजिए।