नायक Anupama Ravindra Singh Thakur
नायक
Anupama Ravindra Singh Thakurजोगी बनकर वह
संसार सुधारने आया,
क्या खोने का डर उसे
सब कुछ छोड़-छाड़ वह आया।
कलयुग के दुराचारियों का
अंत बनकर वह आया,
"न खाऊँगा, न खाने दूँगा"
यह मूल मंत्र लेकर वह आया।
भाई भतीजावाद, वंशवाद को
करके समाप्त,
राजनीति को
नई दिशा दिखाने वह आया,
56 इंच की छाती उसकी
सिंह सी गर्जना कर
शत्रु को दहलाने वह आया।
नरों (मनुष्य) का इंद्र (राजा) है वह
सब को सुख-समृद्धि दिलाने वह आया,
सबका साथ सबका विकास
यह आदर्श लेकर,
गरीबों का मसीहा बनकर वह आया,
राम की भांति वनवासी बनकर
रामराज्य लौटाने वह आया।