शिव सुमिरन माधव झा
शिव सुमिरन
माधव झाशिव नाम का जो करता सुमिरन
सदा खुश रहता उसका अंतर्मन,
शिव शक्ति की जो करे उपासना
पूरी होती उसकी मनोकामना।
ओम नमः शिवाय जो नित जापे
बाधा उसके कोई निकट ना आवे,
पंचामृत जो शिव को स्नान करावे
जन्म मरण के बंधन से मुक्ति पाते।
शिव हैं बड़े दयालु शिव हैं सरल
जगहित कारण पी गए हलाहल,
बदन विभूति गले शोभे है भुजंग
ना आदि ना अंत शिव तो हैं अनंत।