धार्मिक कौन? Abhishek Pandey
धार्मिक कौन?
Abhishek Pandeyचौराहे पर बैठी जर्जर बुढ़िया
और क्षुधा त्रस्त विकलित बच्चों
को दरकिनार कर,
जो मंदिर जा भोग चढ़ाते हैं,
नित रोज सुबह शिवलिंगों पर,
लीटर भर दुग्ध बहाते हैं,
और पुनः निज मस्तक पर,
रोली, चन्दन का लेप लगाते हैं,
बड़े गर्व से फूल-फूलकर,
खुद को वे ईश्वर भक्त गिनाते हैं,
पर मेरे लेखन के शब्द उन्हें
मानव कहते भी शर्माते हैं।