उन्माद शशांक दुबे
उन्माद
शशांक दुबेआँखों का उन्माद दिखाई देता है?
चीखों का कुछ शोर सुनाई देता है?
या सबके सब हो गए हैं मूक-बधिर?
अरे द्वार तुम्हारे कोई दुहाई देता है।
दर्द हो जैसा क्या दवाई देता है?
या केवल बातें हवाई देता है?
अवसर क्या देगा वो ज़िंदा रहने का?
सुनते हैं केवल रिहाई देता है।