आह्वान Abhishek Pandey
आह्वान
Abhishek Pandeyअरि के मस्तक को कर विदीर्ण,
बाधा विघ्नों को चीर-चीर,
तलवारों को लहू पिलाता चल,
चलता चल तूँ हे धीर, वीर।
नर मुण्ड काटकर शत्रु का
चामुण्डा का श्रृंगार करो,
रण के मद में उन्मादित हो
महासमर में विहार करो।
धन्वा की टंकार बजाओ तुम,
रिपु दल को शक्ति दिखाओ तुम,
मृत्यु से तुम खेलो खेल,
हो जाए तो होने दो मेल।