वेदना Abhishek Pandey
वेदना
Abhishek Pandeyझरते हुए मेरे आँसुओं के
बीच का अंतर घटा,
व्यक्त न हो शब्द से,
इस तह तक मेरी वेदना को गहरा बना।
थाह जिसकी न मैं पा सकूँ
दूसरों की दुःख-डंडियों से,
आह अब निकले नहीं,
अग्रिम किसी भी कष्ट से।
मेरी वेदना मापन इकाई
अब और भी विस्तृत बना,
झरते हुए मेरे आँसुओं के
बीच का अंतर घटा।