कवि की अमरता Abhishek Pandey
कवि की अमरता
Abhishek Pandeyहाँ, एक दिन उसकी साँस रुक जाएगी,
कलम थम जाएगी,
पर वह मरेगा नहीं,
वह ध्वनित होता रहेगा,
कुछ लोगों के कंठों से,
शब्द रूप में
आंदोलित करता रहेगा
लोगों के भाव
और प्रकट होता रहेगा
आंदोलनों और क्रांतियों के रूप में।
वह विपन्नों को दिलासा देने आएगा,
वह हारे हुओं को आगे बढ़ाने आएगा,
तुम उसे पहचान लोगे,
जब झाँकोगे अपने मन के
झरोखों के अंदर,
वह मिलेगा,
कभी प्रेम के टूटे तार की तरह बजता हुआ,
कभी कृषकों की दशा पर रोता हुआ,
कभी तम नाशक सूर्य बनकर दमकता हुआ,
और भी कई रूपों में.......