होली का राग Kaushik Kashyap
होली का राग
Kaushik Kashyapजबकि होली पास आती
गुनगुनाती, सुगबुगाती, होली गाती,
रंग भरकर संगमरमर भी खड़ा होता है घर पर,
वात झंझा के बिना ही झांझा वाती हो क्रियाएँ,
रंग बरसे मेघ बनकर
और खिलते जो कमल दल
आ तुम्हारे परस पाएँ,
ऐसी होली हो तुम्हारी।