कोरोना के योद्धा Upendra Prasad
कोरोना के योद्धा
Upendra Prasadराष्ट्र के हे रखवाले नंदन,
देश तुझे करता अभिनन्दन।
प्रवासी कोरोना मचाया हलचल,
प्राणी जगत थर्राया पल-पल,
नेत्र नयन अश्रु से छल-छल,
कब ख़तम होगा यह दल-दल?
देश दुनिया के रोक ले क्रन्दन,
अब तू ही आशा का स्पंदन। राष्ट्र के हे ......
अपनों ने मुँह मोड़ लिए,
सब देखकर दूरी बना लिए,
तू जान हथेली पर लिए,
नित्य कितने जीवन बचा लिए।
हे डॉक्टर, नर्स, पुलिस प्रबंधन,
धन्य है तू, सब करता वंदन। राष्ट्र के हे ......
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कोरोना महामारी से मानव समुदाय को बचाने में डॉक्टर, नर्स एवं पुलिस की अहम् भूमिका रही है। जहाँ परिजन और रिश्तेदार कोरोना के नाम से ही अपने लोगों से दूरी बना लेते थे वहीं डॉक्टर, नर्स एवं पुलिस अपनी जान की परवाह किए बिना आम लोगों की ज़िन्दगी बचाने को सदैव तत्पर रहे। यह कविता कोरोना के उन्हीं योद्धाओं को समर्पित है।