वह अनाथ SMITA SINGH
वह अनाथ
SMITA SINGHहर एक की आँख में आँसू थे
हर एक इंसान रोया था,
जिसने उस अनाथ बालिका
को बहुत करीब से देखा था।
एक दिन की बात है
जब वह मेरी चौखट पर आई थी,
कुछ पल में ही मुझको
वह लड़की अपनी लगी और दिल को बहुत भाई थी।
आज जब उसे जाना था
मुझे बड़ा अहसास हुआ,
कोई भूल क्या मुझसे हुई थी
अनजाने में ही मानो
क्या मुझसे कुछ अनहोनी हो गई थी।
लीला देखिए उस ईश्वर की
भाग्य पलट कर दिखा दिया,
जो कर्म किए नहीं थे उसने
उसकी भी सजा भुगत गई।
संग मेरे रही थी वह, और
मैंने उसको जाना था,
अपराध की बात कहाँ से आ गई,
वह तो दुनिया की मारी थी
कोशिश की और सफल हुई मैं
उसकी नैया पार हुई।
एक गरीब के जीवन में
ललक उठी जीने की,
अथक प्रयास मेरे उसके लिए
जीवनदान बन गया,
जीवन सार्थक मेरा रहा
मैं किसी के काम आई
इंसान बने रहने की
छोटी सी मेरी कोशिश थी।