मैं आज के युग की नारी हूँ  CHANDRESH PRAGYA VERMA

मैं आज के युग की नारी हूँ

CHANDRESH PRAGYA VERMA

सबल, सशक्त और हर हक़ की अधिकारी हूँ,
मैं आज के युग की नारी हूँ।
 

चंचल, चपल और अपने परिवार की दुलारी हूँ,
मैं आज के युग की नारी हूँ।
 

स्वाबलंबी, स्वाभिमानी और हर उड़ान की तैयारी हूँ,
मैं आज के युग की नारी हूँ।
 

मातृत्व, अपनत्व और पापा की बिटिया प्यारी हूँ,
मैं आज के युग की नारी हूँ।
 

सहनशक्ति, सहृदयता और हर दुष्कर्मी पर भारी हूँ,
मैं आज के युग की नारी हूँ।
 

समझे सब लाचार, अबला और बेहद बेचारी हूँ,
मैं आज के युग की नारी हूँ।
 

बेबाक, दमदार और अपने वर्चस्व की लड़ाई में नहीं कभी हारी हूँ,
मैं आज के युग की नारी हूँ।

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