वरदान है हिंदी Ajay Kumar Pandey
वरदान है हिंदी
Ajay Kumar Pandeyमेरे अंतस के भावों की मधुर पहचान है हिंदी,
हमारी आन हमारा मान हमारी शान है हिंदी।
कई भाषा कई बोली कई लिपियों की जननी है,
औ सबको सूत्र में बाँधे वो हिंदुस्तान है हिंदी।।
दिलों को जोड़ती है ये मनुज को पास लाती है,
अँधेरा हो घना कितना ज्ञान की लौ जलाती है।
चाहे पूरब हो पश्चिम हो या उत्तर हो दक्षिण हो,
जो सभी के भाव हर्षाये नवल निर्माण है हिंदी।।
दिलों में प्रीत का पोषक सुखद आधार है हिंदी,
शिक्षा, संस्कृति, ज्ञान, आचरण औ व्यवहार है हिंदी।
जलाए प्रेम का दीपक औ मिटाये द्वेष जो मन से,
दिलाए जी मनुजता को उचित अधिकार है हिंदी।।
कभी मीरा, कभी तुलसी, कभी रसखान है हिंदी,
हृदय के भाव जो समझे वही अभियान है हिंदी।
बढ़ाएँ मान हम इसका मिटा कर द्वंद भाषा के,
लिखे जो गीत उन्नति के वही वरदान है हिंदी।।