युवा शक्ति Anupama Ravindra Singh Thakur
युवा शक्ति
Anupama Ravindra Singh Thakurजाग जाओ युवा,
अब तुम जाग जाओ।
नहीं है यह अपनी संस्कृति जो विनाश की ओर है
तुम्हें धकेलती
पश्चिम की दुनिया में,
अपने को यूँ ना उलझाओ, जाग जाओ युवा
अब तुम जाग जाओ।
कॉलेज जहाँ तुम
जाते हो नित्य,
विद्या का मंदिर है वह स्वीकारो यह सत्य,
लड़के-लड़कियों की
क्रीड़ा स्थली नहीं है यह।
ना करो यहाँ
कोई अनैतिक कृत्य,
सतत ज्ञान की
ज्योत जलाओ
जाग जाओ युवा
अब तुम जाग जाओ।
लघु वस्त्र पहनकर
अंग प्रदर्शन कर,
बेटी, ना तुम यूँ इतराओ,
लज्जा स्त्री का गहना है
यह तथ्य तुम जान जाओ,
विदेशियों की नकल कर
ना खुद की कीमत घटाओ,
अपनी संस्कृति से प्रेम कर
सच्ची बेटी बन दिखलाओ,
जाग जाओ युवा
अब तुम जाग जाओ।
युवाओं की कमजोरी
बन रही है नशाखोरी,
इस जहर को
ना तुम अपने
तन में फैलाओ,
पतन की राह पर चलकर
ना तुम अपनी
पहचान मिटाओ,
जाग जाओ युवा
अब तुम जाग जाओ।
भारत माँ की शान हो तुम
उन्नति का सोपान हो तुम,
पीड़ा और कष्टों का त्राण हो तुम
माता-पिता के प्राण हो तुम।
विदेशियों की नकल कर
यूँ ना माता-पिता को लजाओ,
अज्ञानता का तिमिर मिटा
देश दुनिया में भारत माँ का परचम लहराओ,
जाग जाओ युवा
अब तुम जाग जाओ।