वसंत पुराण SMITA SINGH
वसंत पुराण
SMITA SINGHहर तरफ़, हर दिशा में, गुंजायमान गायत्री मंत्र,
वसंतोत्सव वसंत पंचमी के पावन और शुभ अवसर पर
वीणा वादिनी माँ सरस्वती के स्वागत में लोग कर रहे संगीत संध्या।
गा रहे सुमधुर भजन, हो रहे धुन में मगन,
आराधना इस शुभ अवसर पर करते दिखते गुणी जन आज।
हर सनातनी कर रहा हाथ जोड़े प्रार्थना
पर, सफलता की आस में, विशेष आशीर्वाद हेतु
पूजा प्रार्थना में लगे सब छात्र गण।
पहली पाठशाला जाने वाले नन्हे बच्चे
स्लेट पर लिखते पहला अक्षर,
माँ माँगती
माँ सरस्वती से एक वरदान,
बच्चे की सफलता माँगती,
हाथ जोड़े माँ यही सोच रही
बड़ा हो बच्चा जब करे दुनिया में अपना नाम
जिससे हो कुल ख़ानदान का नाम।
प्रकृति की प्राकृतिक छटा,
वसंत ऋतु के आते ही देखते बनती है
हरियाली, नभ नीला, उस पर हल्की-हल्की बारिश,
मौसम चंचल, बढ़ा रही खुशहाली।
वसंत आगमन का जैसे स्वागत कर रहीं हों प्रस्फुटित कलियाँ,
मनोहर रंगों से भरे बगीचे, फूलों से भरी क्यारियाँ,
पुरुष पीली धोती में दिखते पीली साड़ी में सजी नारियाँ।
वीणा वादिनी को अर्पित करने हेतु
बारिश की ही फुहार, मानों शुद्ध कर रहे हों
पत्ते और फूल
प्रकृति की देन, हर रूप में अनमोल।
बाग, बगीचे खिले दिख रहे,
होंठों पर लोगों के मुस्कान है,
एक अलग निखार लाता है वसंत,
हर्षोल्लास से भरे लोग करते बहुत गुणगान हैं।
सर्व विदित और जग ज़ाहिर है
राजा भोज का नाम चहुँ ओर,
जन्मदिवस इनका भी आज ही
वीणा वादिनी के उत्सव का आह्वान
बढ़ा रहे राजा जी का सम्मान भी।