बदलता भारत Anupama Ravindra Singh Thakur
बदलता भारत
Anupama Ravindra Singh Thakurसोच के परे कर गुजरने की
कल्पनाओं को सच करने की
हिम्मत, आज भारत में आई है,
दुनिया की जुबां पर आज
फिर भारत की कहानी आई है।
हौसले पस्त कर दिए शत्रुओं के हैं
उनकी जलन में भी,
भारत का लोहा मानने की
खुशबू आई है।
भारत भूमि पर,
ये किसकी शिरकत हुई है?
जो चाँद की जमीं भी
आज भारत की हुई है।
हैरान है कुछ अभिमानी
न भ्रष्टाचार, न बेईमानी,
देवदूत है,
या है कोई ताकत इंसानी
इत्तेफाक है, या इबादत है
या फिर है
ईश्वर की मेहरबानी?
अब दुनिया भी मान चुकी है
नहीं है उसका कोई सानी,
भारत को विश्वगुरु बनाने की
उस अवतारी ने है ठानी।
जय- जय हो माँ भारती तेरी,
अब न जाएगी व्यर्थ
तेरे वीर सपूतों की कुर्बानी,
विश्व भर में फिर गाई जाएगी
तेरी कामयाबी की कहानी।
विश्व भर में फिर गाई जाएगी
तेरे कामयाबी की कहानी।।