दीप जले हर घर-आँगन में Rakesh Kushwaha Rahi
दीप जले हर घर-आँगन में
Rakesh Kushwaha Rahiदीप जले हर घर-आँगन में
हो प्रकाश हर मन-आँगन में,
ज्योति कमल खिले चहुँओर
पहुँचे उजाला सब कानन में।
दीपों की माला सजे घर द्वारे
चमक उठे खुशियाँ हर माथे,
इन्द्रधनुषी रंगोली में खिलते
जीवन के स्वप्न सभी हो साँचे।
मेल-मिलाप सदा बनता रहे
पटाखों से हर जन बचता रहे,
प्राण वायु न हो जहरीली कभी
ध्यान मन में सदा यह चलता रहे।
यह खिलता चमन हो बहारों का
हर हँसता चेहरा हो बंजारों का,
शुभ हो सभी की दीपावली यहाँ
बस मन में उम्मीदें हो उजालों का।