आज़ादी का जश्न कुछ इस तरह मनाएँगे  CHANDRESH PRAGYA VERMA

आज़ादी का जश्न कुछ इस तरह मनाएँगे

CHANDRESH PRAGYA VERMA

आज़ादी का जश्न हर बार हम मनाते हैं,
अगले ही दिन फिर सब भूल जाते हैं।
 

जिन तिरंगों को हम बड़े गर्व से लहराते हैं,
अगले ही दिन ये धूल में पड़े नज़र आते हैं।
 

है सम्मान एक दूसरे का बहुत हम सबको दिखाते हैं,
अगले ही दिन गालियाँ और मुक्के मिलकर खूब चलाते हैं।
 

बोलने की स्वतंत्रता का फायदा सब बखूबी उठाते हैं,
पर अक्सर सही बोलने की बजाय गलत ही बोल जाते हैं।
 

अब कभी नहीं करेंगे गलत काम कसम हर बार यह खाते हैं,
और अगले दिन करके गलती ढोल जोर-जोर से बजाते हैं।
 

ज्ञानी बनकर ज्ञान की बातें सबको खूब समझाते हैं,
अगले दिन सारा ज्ञान घर रखकर खुद समझदारी दिखाते हैं।
 

आज़ादी का जश्न हर बार हम मनाते हैं,
अगले ही दिन फिर सब भूल जाते हैं।
 

तो आएये इस बार आज़ादी का जश्न कुछ नए तरीके से मनाएँगे,
आपसी सद्भावना, सम्मान एक दूसरे के लिए भरपूर जगाएँगे।
 

अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सदैव शीश झुकाएँगे और उन्हें निभाएँगे,
और इस बार अगले दिन स्वयं भी नहीं भूलेंगे और सबको याद कराएँगे।
 

आज़ादी का जश्न कुछ इस तरह मनाएँगे
आज़ादी का जश्न कुछ इस तरह मनाएँगे.....

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