सपनों की कीमत  Shivam Parashar

सपनों की कीमत

Shivam Parashar

दीपों की लौ में उत्सव की चमक
पर यादें बहतीं अंधियारे पथ पर,
दो राहें मुड़तीं, एक मंज़िल को जातीं
जहाँ मेरा दिल, मेरा घर बसता है।
 

न दीवारों में, न रंग-बिरंगे द्वारों में
बस उस प्रेम में जो सदा साथ है,
माँ-बाप की मुस्कान, उनकी उजली आँखें
धुंधली रोशनी में उनकी धीमी प्रार्थनाएँ।
 

हर किताब जो पढ़ता हूँ, हर परीक्षा में,
उनसे पाता हूँ साहस और संबल मैं,
उन्होंने आशा के धागों से घोंसला बुना
तो मुझे ऊँचाई छूनी है, उनके सपनों को जीना।
 

सपनों का बोझ भारी है सही
मगर उनके लिए प्यार से राह रौशन है यही,
उनके बूढ़े हाथ, जो कभी मज़बूत थे,
उनकी शांति के लिए सितारे बनना है मुझे।
 

दिवाली की रात, भले हों दूरियाँ हज़ार,
मेरा मन बसा है वहीं, उनके पास,
सफलता होगी मेरी सौगात, मेरा वचन-
उनकी आत्मा को उठाने को रोशनी का कंचन।
 

क्योंकि घर सिर्फ दीवारों का ढाँचा नहीं
वो है जहाँ प्रेम का सच्चा ठिकाना बसा,
और मैं जिस संकल्प से आगे बढ़ता हूँ
मेरी जीत उनका सम्मान बनेगी सदा।

अपने विचार साझा करें




0
ने पसंद किया
93
बार देखा गया

पसंद करें

  परिचय

"मातृभाषा", हिंदी भाषा एवं हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार का एक लघु प्रयास है। "फॉर टुमारो ग्रुप ऑफ़ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग" द्वारा पोषित "मातृभाषा" वेबसाइट एक अव्यवसायिक वेबसाइट है। "मातृभाषा" प्रतिभासम्पन्न बाल साहित्यकारों के लिए एक खुला मंच है जहां वो अपनी साहित्यिक प्रतिभा को सुलभता से मुखर कर सकते हैं।

  Contact Us
  Registered Office

47/202 Ballupur Chowk, GMS Road
Dehradun Uttarakhand, India - 248001.

Tel : + (91) - 8881813408
Mail : info[at]maatribhasha[dot]com